एक जंगल था. जंगल में कई सारे जानवर रहते थे. अपनी प्रकृति के हिसाब से सब अपने क्षेत्र में रहते, मिलझुल कर रहते.
उस जंगल में एक कुत्ते और एक लोमड़ी की मित्रता की बातें भी सब करते थे. यूँ तो दोनों अपने खाने की व्यवस्था शिकार करके कर लेते मगर जब कभी शेर शिकार करता तो उनको मज़ा आ जाता. बात यह थी कि शेर पूरा मास खा नहीं सकता और बचा हुआ मास कुत्ता और लोमड़ी खा लेते.
फिर एक दिन लोमड़ी ने कुत्ते से कहा "तू शेर जितना ही शक्तिशाली है, तेरे पंजे, तेरा डाव, तेरा जोश ... शेर यूँ ही राजा बना हुआ है. मैं तुझे राजा बनते देखना चाहता हूँ."
कुत्ता खुश हो गया. उसके मन में लोमड़ी की बात घर कर गई. वह शेर से लड़ाई के लिए तैयारी करने लगा. तब बातूनी कछुई ने उसकी तयारी को देखते हुए पूछा "क्या कर रहे हो?"
"शेर से लड़ने की तैयारी!"
"मगर क्यों?"
"शेर को हरा कर मैं जंगल का राजा बनूँगा!"
"यह कमाल का ख्याल तुम्हारा खुद का है?"
"नहीं, लोमड़ी ने मुझे यह साहस करने को कहा. उसे मेरी क्षमता पर पूरा विश्वास है. वः मेरी सच्ची दोस्त है."
कछुई मुस्कुराई और बोली "अच्छा, अगर शेर तुम्हे मार देता है तो लोमड़ी को तुम्हारे साथ खाना नहीं बांटना पड़ेगा ... यह ख्याल तुम्हारे दिमाग में नहीं आया?"
कुत्ता गुस्से में बोला "तुम बस यही काम करो. खुद से तो कुछ नहीं होता, ओरों को भी कुछ मत करने दो. तुम मेरी और लोमड़ी की मित्रता से जलती हो!"
कछुई हंसने लगी और बोली "वैसे भी मुर्ख लोगों से मित्रता नहीं करनी." और यह कह क्र वह वहाँ से चल दी. उसे बहुतों से बहुत सारी बातें जो करनी थी.
अगले दिन कुत्ता और लोमड़ी शेर की गुफा पर गए. कुत्ते ने बाहर रहकर शेर को ललकारा "बाहर निकल शेर! तेरी दादागिरी ख़तम करने आया हूँ! आज सरे जानवरों के दिल से तेरा डर मिटा दूंगा! बाहर आ कायर!"
शेर अंगड़ाई लेता हुआ बाहर आया और बोला "सुबह सुबह क्या नाटक लगा रखा है?"
कुत्ता बोला "नाटक ख़तम करने आया हूँ!" और वह शेर पर लपका. शेर ने एक पंजे से उसका गला पकड़ा और दूसरे पंजे से उसको चीर डाला.
कुत्ता मर गया, शेर जीत गया और उसके जीत की चमक लोमड़ी की आँखों में थी.
Bahot Badhiya Sheetalji😊
ReplyDeleteDhanyawad :)
DeleteYe kahani school mein bhi padhani chahye
ReplyDeleteThank you :)
DeleteJang usi ne jeeti jisne apnai Chanakya Niti. bohat khub Sheetal g
ReplyDeleteFiroz Ahmed Khan
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